प्रस्तावना

जल विद्युत क्षेत्र ने विलम्ब से इस बात का अनुभव किया कि यह ऊर्जा उत्पादन का श्रेष्ठ पर्यावरण मित्र विकल्प है, इसमें अभी काफी सुधार की संभावना हैअत: इसे धारणीय बनाया जाये।

एनएचडीसी लिमिटेड, एनएचपीसी लिमिटेड एवं मप्र शासन का संयुक्त उपक्रम है जिसे नर्मदा नदी पर स्वामित्व आधार पर दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं यथा इंदिरा सागर परियोजना एवं ओंकारेश्वर परियोजना के निष्पादन, प्रचालन एवं अनुरक्षण का दायित्व सौंपा गया है।

एचएचडीसी इन परियोजनाओं के निष्पादन के दौरान पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने दायित्वों को लेकर पूर्णतया सजग है। पर्यावरण पर पड़ने वाले किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को रोकने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं। नर्मदा नदी पर परियोजाएं वस्तुत: पर्यावरण संरक्षण एवं भारत में जल विद्युत विकास पर बहस की पहल के लिए अग्रदूत रही है एवं पर्यावरणीय जांच के माध्यम से परिणाम बहुत स्पष्ट सामने आये हैं।

एनएचडीसी इस तथ्य पर विश्वास करता है कि मानवीय दौड़ हमारे प्राकृतिक संसाधनों, जैव एवं वानस्पतिक विविधता एवं अन्य पर्यावरणीय मापदंडों की समृद्घता पर निर्भर है। बृहद क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है। तथापि इन योजनाओं से परिस्तिथिक परिवर्तन जुड़े हुए हैं।

अत: यह आवश्यक प्रतीत होता है कि हम इन योजनाओं के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले अवांछित, अनजाने प्रभावों को इंदिरा सागर परियोजना एवं ओंकारेश्वर परियोजना को पूर्ण में ही पर्यावरण , भ़ारत सरकार से निर्बाधन प्राप्त हो चुका है। निम्न पर्यावरणीय आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जा रहा है:

  • ग्रहण क्षेत्र उपचार
  • क्षतिपूर्ति नवनीकरण
  • नियंत्रण क्षेत्र विकास
  • निकटवर्ती क्षेत्रों का जेव वानस्पतिक एवं वहनीय क्षमता
  • भूकंप संशोधन
  • स्वास्थ्य उपागम
  • पुरातात्विक जन कल्याण उपागम
  • विस्थापित व्यक्तियों का पुनस्र्थापन एवं पुनर्वास

  • एनएचडीसी समस्त वैध पर्यावरणीय आवश्यकताओं को पूर्ण करने लिए प्रतिबद्घ है एवं अपनी परियोजनाओं की निष्पादन अवधि के दौरान पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए सदैव प्रयासरत है।