माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक शहर को नेट जीरो सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाना है जो एक राजधानी शहर या कोई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हो सकता है। इस योजना के तहत ऊर्जा की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर सौर ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित हस्तक्षेपों के संयोजन से पूरी की जाएगी।
मध्यप्रदेश ने इस योजना के तहत राज्य में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से एक सांची को नेट जीरो सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने हेतु चिह्नित किया है। नेट जीरो सोलराइज्ड सांची शहर को कार्यघंटों के दौरान न केवल हरित और स्वच्छ बिजली प्रदान करेगा अपितु शहरी नागरिकों की कार्यस्थिति और उत्पादकता में भी सुधार आएगा।
इस दिशा में विभिन्न ग्रिड कनेक्टेड और ऑफ ग्रिड हस्तक्षेपों की योजना बनाई गई है, जिसमें सांची के पास 8 मेगावाट जमीन पर स्थापित (ग्राउंड माउंटेड) सौर संयंत्र की स्थापना भी सम्मिलित है।
6 सितंबर, 2023 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन जिले में स्थित विश्व धरोहर स्मारक स्थल सांची का प्रथम सौर शहर के रूप में उद्घाटन किया।
सौर ऊर्जा पहल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में दिनांक 29 मार्च, 2024 को 12 बजे मध्यप्रदेश के सांची में 8 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना का वाणिज्यिक प्रचालन सफलतापूर्वक आरंभ हो गया है।
सामान्य लक्ष्ण |
मानदंड |
विवरण |
परियोजना का नाम |
8 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड जमीन पर स्थापित (ग्राउंड माउंटेड) सौर पीवी विद्युत परियोजना |
प्रथम वर्ष के लिए वितरण बिंदु से शुद्ध विद्युत ऊर्जा (एनईईजीजी) उत्पादन की गारंटी |
14716000 किलोवाट घंटा |
पीवी मॉड्यूल क्षमता (डब्ल्यूपी) |
540 |
मीटरिंग/ वितरण बिंदु |
वितरण बिंदु – 132 केवी, सलामतपुर उपकेंद्र, साँची,
जिला रायसेन, म.प्र.
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परियोजना अवस्थिति |
साँची- जिला रायसेन |
स्थान का विवरण
(देशांतर और अक्षांश)
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नागोरी: अक्षांश: 23.4697 देशांतर: 77.73428
(3 मेगावाट संयंत्र)
गुलगांव: अक्षांश: 23.4862 देशांतर: 77.7007
(5 मेगावाट संयंत्र)
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निकटतम प्रमुख शहर |
भोपाल |
निकटतम शहर |
साँची |
सड़क पहुँच मार्ग |
एनएच 146 से जुड़ा हुआ |
रेल पहुँच मार्ग |
सांची |
हवाई पहुँच मार्ग |
राजा भोज हवाईअड्डा, भोपाल, लगभग 55 कि.मी. |
निकटतम समुद्री बंदरगाह |
मुंबई - लगभग 820 कि.मी |
दूरसंचार |
दूरसंचार सुविधा उपलब्ध है। |