साँची सौर परियोजना
नवीकरणीय ऊर्जा :-
माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक शहर को नेट जीरो सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाना है, जो राजधानी या कोई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हो सकता है, जिसके तहत मध्य प्रदेश ने सांची जो कि यूनेस्को की विश्व धरोहर में से एक है, को चिन्हित किया है। इस योजना के तहत राज्य में साइटों को नेट जीरो सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सांची के पास 8 मेगावाट ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना सहित विभिन्न ग्रिड कनेक्टेड और ऑफ ग्रिड हस्तक्षेप की योजना बनाई गई है। यह परियोजना भारत सरकार की कुसुम-C योजना के तहत शुरू की गई है।
एमपीयूवीएनएल ने भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-63 के संदर्भ में आरएफपी संख्या एफ/यूवीएन/2022/एससी/1557 दिनांक 17-06-2022 को सबस्टेशनों और शहरी लोड सेंटर के पास से जुड़े लक्ष्य फीडरों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सांची टाउन के लिए लगभग 08 मेगावाट (05 MW under feeder solarization component of PM KUSUM-C + 03 MW) सौर परियोजना के विकास के लिए नवीकरणीय पावर जेनरेटर (आरपीजी) के रूप में डेवलपर्स के चयन के लिए आमंत्रित किया है। एनएचडीसी ने उक्त आरएफपी में भाग लिया है और उसे डेवलपर के रूप में चुना गया है।
एनएचडीसी ने गुलगांव में 5 मेगावाट का प्लांट और नागोरी में 3 मेगावाट का प्लांट, कुल 8 मेगावाट का सौर ऊर्जा परियोजना विकसित किया है।
8 मेगावाट सांची सौर ऊर्जा परियोजना का वाणिज्यिक संचालन एनएचडीसी द्वारा दिनाँक 29.03.2024 को किया गया है। वाणिज्यिक परिचालन का विवरण इस प्रकार हैः
क्रमांक | विवरण | परियोजना के चालू होने की तिथि | वाणिज्यिक संचालन की तिथि (सीओडी) |
1.0 | 08 मेगावाट सांची सौर ऊर्जा परियोजना | 03 मेगावाट (नागोरी):- 08.08.2023 05 मेगावाट (गुलगांव):- 26.03.2024 | 29.03.2024 |
परियोजना से उत्पन्न बिजली मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) को बेची जाएगी, जिसके लिए 25 वर्षों की पूरी अवधि के लिए टैरिफ 3.22 रुपये प्रति किलोवाट प्राप्त करने के लिए एनएचडीसी लिमिटेड और मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) के बीच दिनाँक 27.12.2022 को पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
8 मेगावाट की बिजली क्षमता का उपयोग सौर फोटोवोल्टिक के माध्यम से वितरण बिंदु पर क्षमता उपयोग कारक न्यूनतम 15 और अधिकतम 21 के साथ पहले वर्ष के लिए न्यूनतम गारंटीशुदा उत्पादन (एमजीजी) 14.716 मिलियन यूनिट एवं वार्षिक राजस्व रुपये 4.74 करोड़ है।
परियोजना को 51.90 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया गया है, जिसमें संयंत्र का पांच साल का व्यापक संचालन और रखरखाव शामिल है।