श्री अभय कुमार सिंह (57 वर्ष)
श्री अभय कुमार सिंह ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दुर्गापुर (पूर्वनाम रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, दुर्गापुर) से वर्ष 1983 में सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की ।
श्री सिंह ने वर्ष 1985 में एनएचपीसी के टनकपुर जल विद्युत परियोजना (120 मेगावाट) में परिवीक्षाधीन कार्यपालक के रूप में नियुक्ति के साथ अपने कैरियर की शुरूआत की । इनके अंदर मल्टीटास्क की क्षमता के साथ-साथ लगातार सीखने की प्रवृत्ति के परिणामस्वरूप, इन्होंने प्रारंभिक चरण में ही परियोजना की विभिन्न जिम्मेदारियों को बखूबी उठाया। इन्होंने परियोजना के विभिन्न घटकों जिसमें न केवल सिविल के क्षेत्रों, बल्कि हाइड्रो-मैकेनिकल के कार्य का भी प्रबंधन किया । अपनी रणनीतिक विचारों वाली मानसिकता, तथ्य-आधारित परिणाम उन्मुख निर्णय लेने की क्षमता के साथ, वे न केवल उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करने में सक्षम रहे है बल्कि समय से पूर्व लक्ष्य हासिल करने में भी सक्षम है। अपने 35 वर्षों के पेशेवर जीवन में, इन्होंने अनेक जल विद्युत परियोजनाओं जैसे टनकपुर परियोजना (120 मेगावाट), धौलीगंगा परियोजना (280 मेगावाट), तीस्ता लो डैम चरण IV (160 मेगावाट), पार्बती चरण II (800 मेगावाट), पार्बती चरण III (520 मेगावाट) और किशनगंगा जल विद्युत परियोजना (330 मेगावाट) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इन्होंने इन परियोजनाओं में प्रमुख परियोजना घटकों के निर्माण प्रबंधन से लेकर परियोजना प्रमुख (एचओपी) और क्षेत्रीय प्रभारी की जिम्मेदारियां सफलतापूर्वक निभाई हैं। जल विद्युत विकास में अपने व्यापक अनुभव के कारण, इनके पास जटिल साइट चुनौतियों, जैसे स्थानीय मुद्दों, तकनीकी व व्यवसायिक मुद्दों का प्रबंधन, पुन: संघटन, आदि से निपटने की बेहतरीन क्षमता हैं । भारत में जल विद्युत विकास और जल संसाधन क्षेत्र में इनके योगदान को स्वीकार करते हुए, आरईपीए (रिन्यूएबल एनर्जी प्रमोशन एसोसिएशन) और ईनर्शिया फाउंडेशन ने इन्हें 'हाइड्रो रत्न’ के पुरस्कार से सम्मानित किया है।
वास्तविक रूप से एक मजबूत टीम लीडर होने के बावजूद भी, वे स्वामित्व, उत्तरदायित्व क्षमता, ज्ञान, और कंपनी में समान प्रवृति की सोच से टीम की भूमिका में दृढ़तापूर्वक विश्वास करते है। वे जलविद्युत परियोजनाओं के विकास में समर्पित रहे हैं, तथा उसी तरह विद्युत क्षेत्र में उन्नति और अन्य नवीनीकरण सहित विविधीकरण के लिए भी मुखर रहे है। उनका किसी भी परियोजना में तेज़ी लाने और विकास के लिए समय-निर्धारण, निष्पादन, निगरानी और अत्याधुनिक निर्माण उपकरणों/मशीनरी में नई तकनीकों को विकसित करने के प्रति दृढ़ विश्वास रहा है।
वे वर्तमान में लोकतक डाउनस्ट्रीम हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड में नामित निदेशक के रूप में भी कार्य कर रहे है।